पढ़िए यहाँ पर मोहम्मद इमरान प्रतापगढ़ी जी की कुछ बेहद ही लोकप्रिय शायरी (Imran Pratapgarhi Shayari) जो आपको जरूर पसंद आएँगी।
Imran Pratapgarhi Shayari
अपनी मोहब्बत का यो बस एक ही उसूल है,
तू कुबूल है और तेरा सबकुछ कुबूल है।
हमने सीखा है ये रसूलों से,
जंग लड़ना सदा उसूलों से !
नफरतों वाली गालियाँ तुम दो,
हम तो देंगे ज़वाब फूलों से !!
राह में ख़तरे भी हैं, लेकिन ठहरता कौन है,
मौत कल आती है, आज आ जाये डरता कौन है !
तेरी लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर,
फ़ैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है !!
हमने उसके जिस्म को फूलों की वादी कह दिया,
इस जरा सी बात पर हमको फसादी कह दिया,
हमने अख़बर बनकर जोधा से मोहब्बत की,
मगर सिरफिरे लोगों ने हमको लव जिहादी कह दिया।
एक बेवफा को ना आये हमारी वफ़ा का यकीन,
हमने कहा की हम मर जायेंगे उसने कहा आमीन।
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